एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। उसका जीवन अत्यंत कठिनाईयों से भरा हुआ था। फसलों की अच्छी प्राप्ति के बावजूद, वह हमेशा किसान की परेशानियों का सामना करता रहता था। एक साल, उसकी फसलें बुरी तरह से बर्बाद हो गईं और वह बहुत दुखी हो गया। उसने साईं बाबा से अपनी मदद की प्रार्थना की।
साईं बाबा ने उसकी प्रार्थना को सुना और उसके घर पहुंचे। बाबा ने उससे पूछा, “तुम्हारे पास क्या है?”
किसान ने उत्तर दिया, “बाबा, मेरे पास सिर्फ इतना ही है कि मैं और मेरा परिवार भोजन के लिए अनाज की एक छोटी सी राशि खरीद सकते हैं।”
साईं बाबा ने उसे अपनी शानदार बेस्टी (गाड़ी) पर सवार किया और उसे गाँव के बाजार ले गए। वहां पहुंचकर, बाबा ने उसे अनाज की बोरियों की एक बड़ी राशि खरीदने के लिए कहा। किसान हैरान था, लेकिन उसने बाबा की बात मान ली और अनाज की बोरियों को खरीद लिया।
बाबा और किसान वापस उसके खेतों की ओर चले गए। बाबा ने किसान से कहा, “अब इन अनाज की बोरियों को खेत में छिड़क दो।”
किसान ने बाबा की वाणी का पालन किया और उन्होंने अनाज की बोरियों को खेत में छिड़क दिया। कुछ ही दिनों में, उसके खेतों में चमत्कार दिखाई देने लगा। उसकी फसलों में अच्छी प्राप्ति होने लगी। उसने अपने बिना कुछ कहे, साईं बाबा के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि साईं बाबा हमेशा अपने भक्तों के साथ होते हैं और उनकी मदद करते हैं। उनका साथ और आशीर्वाद हमें सभी संघर्षों से निकाल कर सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद करता है।